जिस से अब तक हम ना मिले अब बस उसका ही इंतज़ार है।। जिस से अब तक हम ना मिले अब बस उसका ही इंतज़ार है।।
तुम कल्प, अल्प और विकल्प मेरे। तुम बिन एक कल्प गुजरा, निसदिन मैं कितना अल्प गुजरा। तुम कल्प, अल्प और विकल्प मेरे। तुम बिन एक कल्प गुजरा, निसदिन मैं कितना ...
हमेशा सभी के प्रति आदर, दयालु और क्षमाशील बनो आखिर हमारा और आपका, साथ बस थोड़ी देर का है। हमेशा सभी के प्रति आदर, दयालु और क्षमाशील बनो आखिर हमारा और आपका, साथ बस थोड़ी...
और दूसरो को इज्जत से रहना सिखाते हैं, वह आगे बढने का मार्ग बनाते हैं, अपने दुश्मनों से बचकर रह... और दूसरो को इज्जत से रहना सिखाते हैं, वह आगे बढने का मार्ग बनाते हैं, अपने...
देह की हांडी, मनुजता नीर से, सौम्यता आहार तुम बनना सतत ! देह की हांडी, मनुजता नीर से, सौम्यता आहार तुम बनना सतत !
जीने का मकसद कहीं दूर छोड़, उलझती जा रही थी। लेकिन वक्त, वक्त हर वक्त नया कुछ बनता है। न... जीने का मकसद कहीं दूर छोड़, उलझती जा रही थी। लेकिन वक्त, वक्त हर वक्त नय...